अमित शर्मा, श्योपुर एक लकड़बग्घा जंगल से निकलकर एक रिहायशी इलाके में आ गया। गनीमत रही कि समय रहते लोग इस लकड़बग्घे को पकड़ने में कामयाब हो गए, इसलिए लकड़बग्घा किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सका। समस्या जिला मुख्यालय में स्थित काउंटी जेल के ठीक सामने मोर डूंगरी नदी पर बने एक पुल की थी। किसी तरह जंगल से एक लकड़बग्घा निकला, जब तक यह लकड़बग्घा वहां पहुंचा, उस समय पुल पर करीब 100 लड़कियां थीं।
कुछ ग्रामीण पुल के पास झोपड़ी बनाकर भी गुजारा करते हैं, जिसे यह लकड़बग्घा नुकसान पहुंचा सकता है। यह बेहद मजबूत जबड़े वाले खतरनाक शिकारियों में से एक है। लेकिन, गनीमत यह रही कि इससे पहले कि लकड़बग्घा किसी को नुकसान पहुंचा पाता, सबकी निगाहें उस पर ही टिक गईं।

लोग चिल्लाने लगे और उनका पीछा करने लगे। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ में मौजूद कई लोग इतने लापरवाह हो गए कि जब वे लकड़बग्घे के काफी करीब पहुंच गए तो अपने सेलफोन से उसकी फोटो और वीडियो क्लिक करने लगे। लकड़बग्घा फिर पुल से उतर कर नदी की ओर चल दिया। हैरानी की बात यह है कि लकड़बग्घा करीब आधा घंटे तक जिला जेल के सामने घूमता रहा, लेकिन रेंजरों ने मौके पर उसे पकड़ नहीं लिया.
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