सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था धीरे-धीरे मजबूत होती जा रही है। मध्य भारत में पार्किंसंस रोग के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, इस बीमारी का इलाज अब डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रायपुर में किया जाएगा। अस्पताल की निदेशक डॉ शिप्रा शर्मा ने कहा कि उसे पार्किंसंस रोग के इलाज के लिए मंजूरी मिल गई है। जल्द ही टेंडर के जरिए सेटिंग तैयार कर ली जाएगी। हमारे पास एक डॉक्टर है। बस लगाने की तैयारी कर हम जल्द ही मरीजों का इलाज करेंगे।
आपको बता दें कि पार्किंसन रोग एक ऐसी बीमारी है जो बढ़ती उम्र के साथ हावी हो जाती है। इस रोग के कारण रोगी चलने में असमर्थ हो जाता है और अंगों को हिलाने में कठिनाई होती है। हाथ-पैर कांपने लगे। न केवल राज्य में बल्कि मध्य भारत में भी पार्किंसंस रोग के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, दवाओं के माध्यम से इलाज किया जा रहा है। अब बहुत जल्द डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इसका सेटअप तैयार हो जाएगा।
इतना ही नहीं किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट को लाइसेंस दे दिया गया है। सेटअप तैयार है, डॉक्टर भी हैं, बस ट्रांसप्लांट के लिए सेटअप की व्यवस्था करने की जरूरत है। इसके साथ ही 12 अलग-अलग सर्टिफिकेट कोर्स को लेने के लिए मान्यता दी गई है। आने वाले सालों में शुरू हो जाएंगे ये कोर्स, डीएम और एनेस्थीसिया कोर्स के लिए लाइसेंस मिल चुका है। दाऊद कल्याण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अब एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करेगा।
- छत्तीसगढ़ समाचार पढ़ने के लिए क्लिक करें
- HindiBrain.com
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- लल्लूराम.कॉम की खबरें अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- खेलकूद की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें